मेरी अल्फाजो को....सुनने की औकात नहीं अब तुम्हारी....अरे बेवफा क्या बताऊं मैं तुझे....तू जब छोड़के चले गई थी....तब बुरे दिन थे मेरे....आज देख तेरी औकात....जूती के नीचे मेरी।
एस के आर बेशर्म मुंडा
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@Dr Rahat Indori
Dr. Rahat Indori
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