हैं तो लाखों यहाँ टूट कर बिखरने वाले, ख़ास होते हैं पर टूट कर निखरने वाले। तोड़ने वाले नहीं, याद रहते हैं वो फूल, अपनी डाली से भी टूटकर महकने वाले। सँवरतें है लाखों चेहरे दूसरों की रहम पे, याद पर रह पाते हैं ख़ुद से सँवरने वाले। कहाँ रुकते हैं ये कभी किसी ठौर पर, हर गली और हर कूँचे में वीचरने वाले॥ ✍🏻@raj_sri. Cont... #tutana #bikharna #sawarna