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ऑंक जुड़े अनगिन बढ़े, घटा मान नहिं पाय। शून्य

ऑंक जुड़े अनगिन बढ़े, घटा  मान  नहिं  पाय। 
शून्य सदृश जीवन जिये, सबको कर निरुपाय।।

©Shiv Narayan Saxena #सुप्रभात शून्य का प्रताप  hindi poetry
ऑंक जुड़े अनगिन बढ़े, घटा  मान  नहिं  पाय। 
शून्य सदृश जीवन जिये, सबको कर निरुपाय।।

©Shiv Narayan Saxena #सुप्रभात शून्य का प्रताप  hindi poetry