वो लड़की नदियाॅ किनारे रहने वाली , नदी जैसा उसका प्रवाह , जिस तरफ चलती हवा ,उस दिशा चलता उसका प्रवाह , कोई नही नाप सका उसके मन की गहराई , कोई नही भाँप सका उसकी चलने की दिशा , ना ही उसकी सोचने की चाल , कब बढ जाये उसका प्रवाह तो कब शान्त हो जाये उसका प्रवाह , मन करता है कभी बेठूं नदी किनारे उसके साथ और करू अपने दिल की बात और पुछूं उसका हालचाल, वो लड़की नदियाॅ किनारे बसने वाली , नदी जैसा उसका प्रवाह || ©Chandan singh jat नदिया किनारे वाली......