मय पिने आया था पर पर मयकसा ही खुद गमें आबाद था मै गमे दास्ता क़िस गम को सुनाता सुना है गम बाँटने से कम होता है पर यहां तो गमे आबाद सारा मयकशा था ©yogitaupadhyay45gmailcom #गमे मधुशाला