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ए अल्लाह डूब सी गई है ज़िंदगी हमारी गुनाहों मे ह

ए अल्लाह डूब सी गई है 
ज़िंदगी हमारी गुनाहों मे 
हम पर अपनी रहमत का 
साया अता फरमाए। 
 कहीं गुनहगार ही
 इंतिक़ाल ना कर जाएं।।

©Sarfaraj idrishi ए अल्लाह डूब सी गई है ज़िंदगी हमारी गुनाहों मे हम पर अपनी रहमत का साया अता फरमा कहीं गुनहगार ही इंतिक़ाल ना कर जाएं Islam Manas shandilya  h m alam s  Raj-Simran  Laj Kumar  Praveen Storyteller
ए अल्लाह डूब सी गई है 
ज़िंदगी हमारी गुनाहों मे 
हम पर अपनी रहमत का 
साया अता फरमाए। 
 कहीं गुनहगार ही
 इंतिक़ाल ना कर जाएं।।

©Sarfaraj idrishi ए अल्लाह डूब सी गई है ज़िंदगी हमारी गुनाहों मे हम पर अपनी रहमत का साया अता फरमा कहीं गुनहगार ही इंतिक़ाल ना कर जाएं Islam Manas shandilya  h m alam s  Raj-Simran  Laj Kumar  Praveen Storyteller