मैने जितना दर्द सहा था बच्चों को बड़ा करने में आज भी उतना ही दर्द सह रही हूँ खुद को खड़ा रखने में पूरी उम्र सहा जुल्म जिंदगी का परिवार को राह पर चलने में आज कर्ज़ ही समझ कर अदा कर दो मेरा सहारा बनकर खड़ा होने में " आंसुओं की पुकार " #आंसुओंकीपुकार - nayak 0.9