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परवाह करने की आदत ने तो परेशां कर दिया, गर बेपरव

परवाह करने की आदत ने तो परेशां  कर दिया, 
गर बेपरवाह होते तो सुकून- ए ज़िन्दगी में होते । # गालिब की शायरी
परवाह करने की आदत ने तो परेशां  कर दिया, 
गर बेपरवाह होते तो सुकून- ए ज़िन्दगी में होते । # गालिब की शायरी

# गालिब की शायरी #Shayari