चरित्रहीन (कहानी कैप्शन में) #चरित्रहीन #yqdidi #yqbaba #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi जब मैं छोटी थी, किसी को ऐतराज़ न था कि मैं क्या पहनती, किससे बात करती, कौन मुझसे मिलता, मैं किससे मिलती। मुझे ग़ैरों के संगत में छोड़ने पर किसको ऐतराज़ न था, मुझे औरों की गोद में बिठाने पर किसी को तकलीफ न थी। तब उम्र कम थी, भले बुरे की समझ भी न थी। अब मैं अपना भला भी समझती हूँ और बुरा भी पर समझते नही हैं तो ये लोग। मैं लड़कों से मिलती हुँ तो इनकी भौंए तन जाती हैं, मेरे कपड़ों से भी छोटे इनके सोच के मुताबिक मैं एक शराब पीने वाली, देर रात घर लौटने वाली अय्याश, बचल्लन लड़की हूँ। शायद जो लड़कियां बड़ी होकर अपना भला बुरा समझने लगे उसे दुनिया यही कह कर पुकारती है, चरित्रहीन।