जुल्फें तुम्हारे सघन सेहरा आंखों में सजे नया सवेरा पलकों के उठक बैठक से मन बावरा कानों में लटकता सुंदर सुमन सुनहरा झंकृत रोम रोम कल्पना में सुकून का पहरा जुबां ख़ामोश नज़रों का संवाद गहरा कैसे ना लिखूं असामान्य तुम्हें ईश्वरीय आंखों का तुम जीता जागता चेहरा पूरी कविता पढ़े उपशिर्षक में जुल्फें तुम्हारे सघन सेहरा आंखों में सजे नया सवेरा पलकों के उठक बैठक से मन बावरा