वो मिली थी कल उन गलियों में जहां कुछ अरसा पहले हम एक-दूसरे को निहारा करते थे मगर वो बात न थी उन गलियों में और उस शख्स में जो दिल को सुकून देते थे दीपेन्द्र पाठक✍️✍️ Delhi India #peace