गुरु पारख को अंग - 1 गुरवा तो सस्ता भया, पैसा केर पचास । राम नाम धन बेचि के, शिष्य करन की आस ।। धन-माल के लोभी पचासों गुरु घूमते हैं। ऐसे गुरु दूसरों को धोखा देने और रुपये-पैसे ठगने के लिए भिन्न-भिन्न रूपों में घूमते हैं। वे राम-नाम-रूपी धन बेचकर अधिक-से-अधिक शिष्य बनाने की आशा लिए घूमते रहते हैं, ऐसे धूर्त, गुरु-पद की मर्यादा में कलंक हैं, उनसे सावधान रहना चाहिए। सत साहेब जी ©कुमार रंजीत गुरु #KabirJayanti