सर चढ़ कर बोलता है एक बार हो जाए.... तो कहाँ फिर ये, किसी की सुनता है दिन रात फिर वो.... फिर अपने प्यार के, सपने संजोता है उसी का नाम, हर लम्हा.... जुबां पर होता है 🙏पोस्ट को हाईलाइट जरूर करें🙏 सहभागिता सबके लिए खुली है ✍🏻 आपके अल्फ़ाज़ शब्दों की मर्यादा का ध्यान अवश्य रखे ✍🏻 सभी प्रतिभागी अपनी अभिव्यक्ति के लिए पूर्ण स्वतंत्र हैं 💗 पंक्तियों की बाध्यता नहीं है.