अपनी कलम
HAPPY LABOR
तुम्हारे बंगले की असली मेहनत एक मजदूर को जाती है । बारिश में छत टपकती है जिसकी उसकी मेहनत तुम्हारे घर के आँगन सजाती है। दिल पत्थर के पूल बनाकर तुम्हारे बंगले में दीप जलाती है। तुम्हारे बंगले की असली मेहनत एक मजदूर को जाती है।
kanta kumawat