कुछ न कुछ तो होता है ऐसे ही कोई भी कहानी नहीं होती, प्रेम जागा होगा अंबर का जरूर धरती पर आज जैसी हर शाम सुहानी नहीं होती। ©shrikant yadav #सुहानीशाम