मैं जो छूने चलूँ आसमाँ, तो धीरे धीरे ज़मीं छूट जाती है, संगमरमर में गुज़ारूँ ज़िंदगी, तो भावुकता छूट जाती है! ....... Er. Himanshu Pandey ©Kavi Himanshu Pandey संगमरमर.. #beingoriginal #NojotoHindi