जिनकी आँखें आँसुओं से नम नहीं, क्या समझते हो कि उन्हें कोई ग़म नहीं, तुम तड़प कर रो दिए तो क्या हुआ, ग़म छुपा कर हँसने वाले भी कम नहीं. शायरो की कलम से ...... शायरो की तनहाई ....