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कभी कभी इत्तफाक से जब उसकी नज़र मुझसे टकराती हैं अ

कभी कभी इत्तफाक से जब
उसकी नज़र मुझसे टकराती हैं
अतीत की भूली बिसरी यादे
जहन में खुशबू सी बिखेर जाती हैं
स्कूल के दिन थे हम दोनो दोस्ती में लीन थे
क्या ख़बर थी दोस्ती की जगह
प्यार दस्तक दे चुका था
वो हमारा कंपीटिशन में जाना
मेरा उसे देखना फिर उससे ही नजर चुराना
सहेलियों का मुझे उसके नाम से चिढ़ाना
यकीन मानिए सबको ख़बर थी
पर उसे कैसे पता न चला
की दोस्ती अब प्यार की कगार पर है
उसे बस दरवाज़ा खोलना हैं
खैर स्कूल के दिन गए
मैं उससे अलग हुई पर संभल गई
हम अब भी दोस्त हैं
पर वाकई अब दोस्त रहने का मन नही करता
क्योंकि मुझे पता हैं
बदले मे मुझे इंतजार का तोहफा ही मिलेगा

©shreya upadhayaya
  #ittefaqse  Manjul mahoba Harjinder Singh Asr Kaif Gazi Noor Hindustanai Udass Afzal khan ❣️Dard ki jaan
कभी कभी इत्तफाक से जब
उसकी नज़र मुझसे टकराती हैं
अतीत की भूली बिसरी यादे
जहन में खुशबू सी बिखेर जाती हैं
स्कूल के दिन थे हम दोनो दोस्ती में लीन थे
क्या ख़बर थी दोस्ती की जगह
प्यार दस्तक दे चुका था
वो हमारा कंपीटिशन में जाना
मेरा उसे देखना फिर उससे ही नजर चुराना
सहेलियों का मुझे उसके नाम से चिढ़ाना
यकीन मानिए सबको ख़बर थी
पर उसे कैसे पता न चला
की दोस्ती अब प्यार की कगार पर है
उसे बस दरवाज़ा खोलना हैं
खैर स्कूल के दिन गए
मैं उससे अलग हुई पर संभल गई
हम अब भी दोस्त हैं
पर वाकई अब दोस्त रहने का मन नही करता
क्योंकि मुझे पता हैं
बदले मे मुझे इंतजार का तोहफा ही मिलेगा

©shreya upadhayaya
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