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पतंग हमेशा अपने सही संतुलन के कारण उड़ पाती है। (ड

पतंग हमेशा अपने सही संतुलन के कारण उड़ पाती है। (डॉ. श्वेता सिंह) कागज मजबूत ना हो तो पतंग आसमान में ही जाकर ही फट सकती है। अगर धागा कमजोर हुआ तो, वह आसानी से कट जाएगा।अगर लकड़ी  मजबूत ना हुई तो हवा के भाव को सहन ही नहीं कर पाने के कारण पतंग उड़ ही नहीं पाएगी। इसलिए तीनों का संतुलन बहुत जरूरी है। इसी तरह मनुष्य की इच्छाएं भी होती है। सभी मनुष्य की अपनी अपनी इच्छाएं होती है। इच्छाओं को पूरा करने के लिए प्रयास करना बहुत अच्छी बात है। लेकिन किसी एक इच्छा को पूरा करने के लिए अपना सारा बल और ध्यान केंद्रित कर देना और बाकी चीजों को अनदेखा कर देने से इंसान कभी भी अपनी ऊंचाइयों को नहीं छू सकता। उन्हें भी सही संतुलन की आवश्यकता होती है।(डॉ. श्वेता सिंह)

©Dr.Shweta Singh #patang
पतंग हमेशा अपने सही संतुलन के कारण उड़ पाती है। (डॉ. श्वेता सिंह) कागज मजबूत ना हो तो पतंग आसमान में ही जाकर ही फट सकती है। अगर धागा कमजोर हुआ तो, वह आसानी से कट जाएगा।अगर लकड़ी  मजबूत ना हुई तो हवा के भाव को सहन ही नहीं कर पाने के कारण पतंग उड़ ही नहीं पाएगी। इसलिए तीनों का संतुलन बहुत जरूरी है। इसी तरह मनुष्य की इच्छाएं भी होती है। सभी मनुष्य की अपनी अपनी इच्छाएं होती है। इच्छाओं को पूरा करने के लिए प्रयास करना बहुत अच्छी बात है। लेकिन किसी एक इच्छा को पूरा करने के लिए अपना सारा बल और ध्यान केंद्रित कर देना और बाकी चीजों को अनदेखा कर देने से इंसान कभी भी अपनी ऊंचाइयों को नहीं छू सकता। उन्हें भी सही संतुलन की आवश्यकता होती है।(डॉ. श्वेता सिंह)

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