ज़रूरी नहीं चीखें इतनी तीखी हों कि हाथ कान पर खींच चले ख़ुदबखुद चीखें!बिफ़र पड़ती हैं हँसती आँख़ों से भी और चीर देती हैं इंसानियत की नब्ज़ टटोल लेतीं हैं मुस्कुराकर गुज़रने वाली हवा और बहुत कुछ जो अचकचाता है अनकहा ये जो शोख़ लफ्ज़ो में हिमायत कर रहे हो छुपा रहे हो अपने भीतर का दरिंदा ये तल्ख़ आँखें...हाँ! जिसे औरताना कहते हो बेबाक़ किए देती हैं तुम्हारी बयानबाज़ी को शर्मिंदा पूछ लेतीं हैं की तुम ज़िंदा हो...या ढो रहे बदनीयती की सड़ रही लाशों का पुलिंदा ये ज़ुबाँ से दी गई इज्ज़त और बराबरी से अब काम नहीं चलेगा...हाँ! जिस दिन ये दबी मुस्कुराहटें होंगी शोख़ शगुफ्ता तुम्हारी इंसानियत के सुबूत उस दिन होंगे पुख्ता #toyou #yqstrength #yqfire #yqpowertowomen #yqeyes #yqlife #yqselfquest