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हमने देखे थे बचपन में कार में अकड़ते पिल्ले! कार को

हमने देखे थे बचपन में
कार में अकड़ते पिल्ले!
कार को जानने के क्रम में
मुझसे एक चालक ने कहा
कि मैं काबिल नहीं हूँ,
चुनिंदा नहीं हूँ उनमें से,कि 
किसी कार में सवार हो सकूं।
तब मैंने ये सोचा था कि
एक दिन इतना बड़ा होना है
कि कार का मालिक बन पाऊँ!
फिर होगी कुछ जीवों पर
अपनी भी नजरे इनायत!
घूमूँगा बेफिक्र, बेहिचक।
लोग हाल पूछते हैं जानकर भी,
इंसान को मालिक बनना पड़ता है,
पिल्ले जन्मजात होते हैं। साम्यवाद के सम्मानित
हमने देखे थे बचपन में
कार में अकड़ते पिल्ले!
कार को जानने के क्रम में
मुझसे एक चालक ने कहा
कि मैं काबिल नहीं हूँ,
चुनिंदा नहीं हूँ उनमें से,कि 
किसी कार में सवार हो सकूं।
तब मैंने ये सोचा था कि
एक दिन इतना बड़ा होना है
कि कार का मालिक बन पाऊँ!
फिर होगी कुछ जीवों पर
अपनी भी नजरे इनायत!
घूमूँगा बेफिक्र, बेहिचक।
लोग हाल पूछते हैं जानकर भी,
इंसान को मालिक बनना पड़ता है,
पिल्ले जन्मजात होते हैं। साम्यवाद के सम्मानित

साम्यवाद के सम्मानित