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भटकते भटकते लेकिन मंजिल पाई थी तूफानों की मर्ज़ी ले

भटकते भटकते लेकिन मंजिल पाई थी
तूफानों की मर्ज़ी लेकिन साहिल पाई थी

हमारे साथ साथ नज़र आने लगी थी 
आई थी ज़रा मगर बेबसी संगदिल आई थी

संभले नहीं मगर थोड़े होशियार होने लगे
फैसले की घड़ी मगर मुश्किल दिल दुहाई थी

प्यारे बने किस्से जो भी तामीर कलम हुए
इश्क़ की गाढ़ी सियाही हासिल इन्तिहाई थी

 आखिर आखिर बिछड़ों को एक होना था
 बरसों बाद इलज़ाम में मिली अब रिहाई थी

 वक्त को पहचान कर साबित क़दम रहना
सीख किस्से ने आखिर के सफहों में सुनाई थी gradually
#life #learning #experience 
#passion4pearl #journey 
#yqtales #yqdiary #yqthoughts
भटकते भटकते लेकिन मंजिल पाई थी
तूफानों की मर्ज़ी लेकिन साहिल पाई थी

हमारे साथ साथ नज़र आने लगी थी 
आई थी ज़रा मगर बेबसी संगदिल आई थी

संभले नहीं मगर थोड़े होशियार होने लगे
फैसले की घड़ी मगर मुश्किल दिल दुहाई थी

प्यारे बने किस्से जो भी तामीर कलम हुए
इश्क़ की गाढ़ी सियाही हासिल इन्तिहाई थी

 आखिर आखिर बिछड़ों को एक होना था
 बरसों बाद इलज़ाम में मिली अब रिहाई थी

 वक्त को पहचान कर साबित क़दम रहना
सीख किस्से ने आखिर के सफहों में सुनाई थी gradually
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#yqtales #yqdiary #yqthoughts