Nojoto: Largest Storytelling Platform

सूक्ष्म से सूक्ष्म तू विराट से भी विराटनम् जितना


सूक्ष्म से सूक्ष्म तू विराट से भी विराटनम्
जितना भी जानू तुझे उतना ही है कम। 
नामुमकिन है अक्ल से तुझको सोचना। 
तू इधर उधर हर तरफ यहाँ वहाँ 
तूने ही बनाया है ये विशाल जहाँ। 
जब तू ही तू है कुछ नहीं तेरे सिवा
फिर ये कौन आ गया तेरे मेरे दरमियाँ। 
जो बढ़ गई हमारे बीच जन्म जन्म की दूरियाँ। 
तू ये बीच की दूरियाँ दूर कर
हम अधूरों को अब पूर कर। 
मुश्किल है तेरे दीद बिन खुद को रोकना। 

जब तू ही तू है कुछ नहीं तेरे सिवा
फिर ये कौन आ गया तेरे मेरे दरमियाँ। 

बी डी शर्मा चण्डीगढ़ 
 तू ही तू है

सूक्ष्म से सूक्ष्म तू विराट से भी विराटनम्
जितना भी जानू तुझे उतना ही है कम। 
नामुमकिन है अक्ल से तुझको सोचना। 
तू इधर उधर हर तरफ यहाँ वहाँ 
तूने ही बनाया है ये विशाल जहाँ। 
जब तू ही तू है कुछ नहीं तेरे सिवा
फिर ये कौन आ गया तेरे मेरे दरमियाँ। 
जो बढ़ गई हमारे बीच जन्म जन्म की दूरियाँ। 
तू ये बीच की दूरियाँ दूर कर
हम अधूरों को अब पूर कर। 
मुश्किल है तेरे दीद बिन खुद को रोकना। 

जब तू ही तू है कुछ नहीं तेरे सिवा
फिर ये कौन आ गया तेरे मेरे दरमियाँ। 

बी डी शर्मा चण्डीगढ़ 
 तू ही तू है
ckjohny5867

CK JOHNY

New Creator