तेरे दर्द भरे इस शेर पर 'वाह वाह' कैसे करूँ? छुपी नहीं है तेरी तक़लीफ़े मुझसे, इस लम्हें में तेरी फ़िक़्र कैसे ना करूँ? चाहे तू कितना भी अच्छा क्यूँ ना लिखे अब, तेरे दर्द पर ना गूँजेगी मेरी आवाज़ 'वाह वाह' की.. जलेगा जब भी तू अपने ही ग़म में अब, सीने में तेरी फ़िक़्र और लब पर तेरे सुकूँ की अरदास होगी.. #दर्द #तक़लीफ़ #फ़िक़्र #yqbaba #yqdidi