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खुश हूँ बहत पर उदास भी हूँ आज। वो नरम हवा आज भी

खुश हूँ बहत

पर उदास भी हूँ आज।

वो नरम हवा आज भी चेहरे से टकरा कर पूछ जाती हैं,

वो मंज़िल जो खो गयी है उसे ढूंढ रहा है क्या बंदे। #1st #quote #love #hurts. 
#new #writer.
खुश हूँ बहत

पर उदास भी हूँ आज।

वो नरम हवा आज भी चेहरे से टकरा कर पूछ जाती हैं,

वो मंज़िल जो खो गयी है उसे ढूंढ रहा है क्या बंदे। #1st #quote #love #hurts. 
#new #writer.