अंजाम देख अपने प्यार का दिल मेरा घबराया चेहरा देख फिर यार का वो थोड़ा सा मुस्काया।। रातें गुज़ारी थीं जिसके नाम से अब तलक आज उसी हसीन-ए-नूर को ख्वाबों में पाया।। रूबरू हुआ जब कठिनाइयों से ज़िन्दगी की तब 'भारत' ने मंज़िल-ए-इश्क का दर खटखटाया।। पलकें मिलाकर देखा जब अपने उल्फत-ए-यार को आंखों ने मुझको बस ख़ुदा का चेहरा दिखलाया।। नींद से उठकर सच्चाई से मिला जब उस पल अपने दिल-ए-नाकाम पे रोना आया।। #PoetInMe #ShayarInMe #KaviBhitar #UlfatEYaar #DilENakam #ManzilEIshq #HaseenENoor #YaarPyaar