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वे रहीम नर धन्य हैं, पर उपकारी अंग। बांटन वारे को

वे रहीम नर धन्य हैं, पर उपकारी अंग।
बांटन वारे को लगे, ज्यों मेहंदी को रंग।।

रहीम दास जी 
कहते हैं की धन्य हैं वे लोग, जिनका जीवन सदा परोपकारी के लिए बीतता है, जिस तरह फूल बेचने वाले के हाथों में फूल की खुशबू रह जाती है। ठीक उसी प्रकार परोपकारियों का जीवन भी खुशबू से महकता है।

©Shatrughan Dubey
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