कोई चाहत नहीं रखता मैं झूठी तारीफों की.... जैसा मेरा लहजा है सबको खटकना पेशा बना लिया मैंने! मेरे शब्दों से यदि आघात पंहुचा हो तो क्षमा कीजिएगा मगर आप समझ ही नहीं पाए जो मैंने कहा! हर बार मिठास ही मिले बातों में मेरी..साहब कवि हूं हलवाई नहीं जो चाशनी में लाऊंगा शब्दों को!!!!! #कटु_सत्य