गलतफेमी मेरी मुझे गुनेगार बताती है उसपे एतबार न कि

गलतफेमी मेरी मुझे गुनेगार बताती है
उसपे एतबार न किया ये एहसास दिलाती है
वो भी तो अपने ही बंधनों में बंधी रही है 
मेरा खुद से उसे बंधना उसे बेकसूर बनाती है
अभी मोहब्बत मेरी उसके घाबों पे मरहम लगती है
पर जलते है घाब उसके अभी मोहब्बत मेरी उन्हें रास कहां आती है 
खामोशी उनकी हमारे दरमिया दूरी का एहसास कराती है अभी मुझे और इंतजार करने का फरमान सुनाती है

©Rajender
  #galatfehmi
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