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रिवाज-ए-इश्क़ है ये यश, इत्लाफ ढोना ही पड़ता है, क

रिवाज-ए-इश्क़ है ये यश,
इत्लाफ ढोना ही पड़ता है,
कर लें कितनी भी शिद्दत से,
आखिर में रोना ही पड़ता है। Parashar Creations
रिवाज-ए-इश्क़ है ये यश,
इत्लाफ ढोना ही पड़ता है,
कर लें कितनी भी शिद्दत से,
आखिर में रोना ही पड़ता है। Parashar Creations