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पल्लव की डायरी बैठी रही सजी सँवरी मोहब्बत मेरी परव

पल्लव की डायरी
बैठी रही सजी सँवरी
मोहब्बत मेरी परवान ना चढ़ी
प्यार की तो सजावट थी
अंदर हवस भरी थी
हुस्न के सब शिकारी थे
रूह मेरी रूहानी थी
राधा मीरा जैसी दीवानी थी
कुछ समय के लिये नही प्रेम
में तो जन्म जन्म तक प्यार निभाने वाली थी
                                      प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव" #NationalSimplicityDay
में तो जन्म जन्म तक प्यार निभाने वाली थी
#NationalSimplicityDay
पल्लव की डायरी
बैठी रही सजी सँवरी
मोहब्बत मेरी परवान ना चढ़ी
प्यार की तो सजावट थी
अंदर हवस भरी थी
हुस्न के सब शिकारी थे
रूह मेरी रूहानी थी
राधा मीरा जैसी दीवानी थी
कुछ समय के लिये नही प्रेम
में तो जन्म जन्म तक प्यार निभाने वाली थी
                                      प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव" #NationalSimplicityDay
में तो जन्म जन्म तक प्यार निभाने वाली थी
#NationalSimplicityDay