पल्लव की डायरी बैठी रही सजी सँवरी मोहब्बत मेरी परवान ना चढ़ी प्यार की तो सजावट थी अंदर हवस भरी थी हुस्न के सब शिकारी थे रूह मेरी रूहानी थी राधा मीरा जैसी दीवानी थी कुछ समय के लिये नही प्रेम में तो जन्म जन्म तक प्यार निभाने वाली थी प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #NationalSimplicityDay में तो जन्म जन्म तक प्यार निभाने वाली थी #NationalSimplicityDay