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कोई आये मेरा भी हाथ पकड़ थाम ले मैं भी धीरे धीरे फ

कोई आये मेरा भी हाथ पकड़ थाम ले
मैं भी धीरे धीरे फिसलती जा रहे है
दिसम्बर की तरह
🙏🙏

©Ek Alfaaz Shayri
  ❤️🌹❤️ #दिसंबर जा रहा है  Sach Ka Safar Shayari Noor Hindustani Lalit Saxena R K Mishra " सूर्य " Rajesh Arora