अगर कभी रोना आए आपने हाल-ओ-हालात पर, तो कोई एकांत कोना तलाशिए न कि कोई कंधा। क्योंकि जो भी तुम्हे कंधा देगा न वो कल को तुम्हारे आंसुओ से भीगी कमीज़ को छत पर खुले में जरुर सुखाएगा ताकि दुनिया को तुम्हारे आंसुओं के दाग़ दिखा सके और बता सके कि देखो "ये वो शख्स है,जो खुद को मजबूत बताया करता था, वो मेरे कंधे पर सर टिका कर कैसे कमज़ोर हो कर रोया था"। और तब तुम पर कमजोर नहीं कायर होने का कलंक लगेगा। अगर कभी रोना आए आपने हाल-ओ-हालात पर, तो कोई एकांत कोना तलाशिए न कि कोई कंधा। क्योंकि जो भी तुम्हे कंधा देगा न वो कल को तुम्हारे आंसुओ से भीगी कमीज़ को छत पर खुले में जरुर सुखाएगा ताकि दुनिया को तुम्हारे आंसुओं के दाग़ दिखा सके और बता सके कि देखो "ये वो शख्स है,जो खुद को मजबूत बताया करता था, वो मेरे कंधे पर सर टिका कर कैसे कमज़ोर हो कर रोया था"। और तब तुम पर कमजोर नहीं कायर होने का कलंक लगेगा। #1106thquote #thoghts #ख्याल #yqdidi #yqbaba