ओ सजना... बरखा बहार आयी रस की फुहार लायी अँखियों में प्यार लायी ओ सजना... तुम को पुकारे मेरे मन का पपीहरा मीठी मीठी अगनी में जले मोरा जियरा ओ सजना... ऐसे रिमझीम में ओ सजन प्यासे प्यासे मेरे नयन तेरे ही ख्वाब में खो गये साँवली सलोनी घटा जब जब छायी अँखियों में रैना गयी निंदीया ना आयी ओ सजना... - गीतकार शैलेंद्र ओ सजना... बरखा बहार आयी रस की फुहार लायी अँखियों में प्यार लायी ओ सजना... तुम को पुकारे मेरे मन का पपीहरा