हम जो चाहे अगर वो मिले न हमें टीस दिल में अजब एक उठ जाती है, रात सोये न बेचैन दिनभर रहे बात बस एक वही है जो तड़पाती है। मन शांत नहीं हो तो क्या होगा फिर वेदनाएँ हृदय में उतर जाएगी, मन लगेगा नहीं फिर किसी काम में चेतनाएँ हमारी फिर मर जाएगी। भूलने की हमारी जो आदत नहीं बस उसी की वजह से दुःखी रहते हैं, पूछते जो सभी तुम उदास क्यों हो बस यही बात एक हम नहीं कहते हैं। भूल जाओ वो बातें जो दुःख देती हो जैसे पिछला जन्म हम भुला देते हैं, चोट अपने अग़र दे तो क्या माजरा चलो गैरों को हम अपना बना लेते हैं। ©Rajnish Jha #Nojoto #rjpoetry #droplets