काम,क्रोध,मद,मोह सुना है ,ऐ चारों दुराचारी है। इन सब में भी क्रोध महोदय😀, सब शत्रु पे भारी है।। ऐ सर पर चढ़ जाते है पहले विवेक को खाते हैं। बाद में जमकर सामने वाले से लड़ाई करवाते हैं।।😉 मती भ्रमित हो जाने पर हम झगड़ों में पड़ जाते है। गुस्सा दूजो पर करते पर स्वयं को ही झुलसाते है।। क्रोध प्रभु के लिए किसी पे हावी होना आसा है । इनकी इन्ही हरकतों से दुनिया पूरी परेशा हैं ।।🤦🏻♂️ ये महाशय आते हैं और संयम को आजमाते हैं ये तो प्रतिघात हैं साहब ..... बीच सड़क पड़ बिना बात के ही झगड़ा करवाते हैं ।।👊 हम सब को ही ऐ भाते हैं, हम सब के दम्भ बचाते हैं। जो नही बोलना चाहिए वो आसानी से बुलबाते है ।। शुभ कार्यों मे किसी पुरुष पे ये आरूढ़ हो जाते हैं । क्रोधाग्नि तो जहर है प्यारों...,ये साबित कर जाते हैं ।।😉 ©Divyanshu Anand क्रोध #क्रोध #gussa #angry #poem #Hindi #kavita