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माया मरी न मन मरा मर मर गया शरीर आशा तृष्णा ना मरी

माया मरी न मन मरा मर मर गया शरीर आशा तृष्णा ना मरी कह गए दास कबीर

©Soham Giri
  कबीर दोहा
sohamgiri7247

Soham Giri

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कबीर दोहा #कविता

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