जिंदगी को रंग बदलते देख रहा हूं आज कल....। देख रहा हूं रिश्तों कि अहमियत, देख रहा हूं बच्चों की मिसूमियत, और अंदाजा लगा रहा हूं क्या है मेरी हैसियत,, बिखरते हुऐ रिश्तों को कैसे बचाऊं रिश्तों को बचाउं तो खुद बिखर जाउं, लेकिन मै तो बिखर चुका हूं, पहले से ही,, झूठी मुस्कान चेहरे पै,और गमों का गुमार सीने मै है पहले से ही।। सोच लिया रोक लिया, रोक लिया, यूं खुद को टूटते हूऐ भी देख लिया, अब ना दुनिया की सोचना न कभी है खुद को रोकना, अब निडर हो कर कुछ करके दिखाना है, और दुनिया को बताना है कि - " मैं भीड नही दुनिया कि मुझ मै खुद एक जमाना है " Think by - राधे राधे ©Radhe Radhe Apne baare mai #Corona_Lockdown_Rush