मैं तुमसे अनंत प्रेम करूंगी...जानाँ! बशर्ते, "तुम मुझसे मेरी आज़ादी न छीनना..." सुनो जानाँ...! मैं आज़ाद हूं इन पंछियों के जैसे... जैसे पंछियों की चहचहाहट, उनकी आज़ादी के आंनद से होती है न... वैसे ही मेरी खुशी,