राधा शरमाई ,थोड़ा इठलाई, कान्हा के पास आकर मंद मंद मुस्कराई ॥ कान्हा ने भी तपक कर पूछ डाला क्या आया हदय में जो राधे का मन प्रफुल्लित न्यारा ॥ राधे भी हंसकर थोड़ा शरमायी ,थोड़ा इतराई कान्हा इतनी व्याकुलता तुमने जो है दिखलाई? क्यूँ मेरी राहों में हर पल नैन बिछाते हो ? प्रतीक्षा में मिलन की व्याकुल ही हुए जाते हो। कृष्णा बोले सुन सखी ,तुझ से मिले जो नैन बाँसुरी बसी मेरे हृदय, पर हृदय पुकारे तुझे दिन रैन ॥ राधे ने भी कृष्ण को किया मदमस्त दीवाना, बोली कान्हा तेरा मेरा मिलन जैसे फूल पर भंवरा दीवाना ॥ कृष्णा पूछे राधे प्रतिक्षा क्यूँ तुमने मुझे कराई ? राधा बोली बिन प्रतीक्षा के प्रीत ना किसी ने है पाई ॥ #radhakrishna #love#