Nojoto: Largest Storytelling Platform

कभी कभी जी चाहता हैं, मन की बातें करने को कभी कभी

कभी कभी जी चाहता हैं, मन की बातें करने को
कभी कभी मन सोचता हैं
सही गलत समझाने को
सोचा हुआ होता कहाँ हैं, थोड़ा भी मिलता कहाँ हैं
खुद ही उलझे खुद ही सुलझो
उलझने 
कोई सुलझाता कहाँ हैं

©Nisha Bhargava #uljhanezindagiki
कभी कभी जी चाहता हैं, मन की बातें करने को
कभी कभी मन सोचता हैं
सही गलत समझाने को
सोचा हुआ होता कहाँ हैं, थोड़ा भी मिलता कहाँ हैं
खुद ही उलझे खुद ही सुलझो
उलझने 
कोई सुलझाता कहाँ हैं

©Nisha Bhargava #uljhanezindagiki