हर एक शौकीन हर एक लेखक,अपनी अपनी गजल अपने शब्द,अपनी भावनाऐं और एक सत्यता को दरशाता है, पर यह जरूरी नही की हर खुद इन्सान सत्य ही हो, और उसी के सन्मुख ब्यक्ति असत्य। बस यह खुद को समझाने का प्रयत्न हो सकता है,परंन्तु सत्य नहीं। *ŠirfŤuM* *प्रीत✍️ ©PREET G0SWAMi saty or asatay