माँ मुझे वरदान दो की पढ़ लिख कर भी, रोटी ही बेलनी है समाज की बनाई, तकदीर झेलनी है कहते सुना है अक्सर, घर के बडों को मैनें दोनों घरों की तुमको, इज्जत सम्भालनी है रहते हुए मेरे दिल में, मेरी सोच पे छा जाओ अपने सभी रुपों से, मेरा परिचय करा जाओ सहांर कर कष्टों का, बनुं दुर्गा काली चंडी जैसी बनीं थीं तुम, बिल्कुल वैसा मुझे पाओ बनुं दुर्गा काली चंडी #nojoto #nojotoshayri#sarikajain#simple#kalakash#hindi#samaj#ijjat#durga#kali