बदनसीबों के नसीब में खुशनसीबी कँहा । वो महलो में रहने बाली, अमीरी कँहा। वो रिश्तों की, करीबी कँहा, किसी से कुछ कह सके, वो जागीरी कँहा। हर मौसम में पसीना बहता है, उनको सर्दी कँहा, गर्मी कँहा। #naseeb 💐H@n$ik@💐