शिकायत आशिकी में चांद से, सारी उमर, क्यूँ बनाई इश्क़ में ये दूरियां, जिसे मै चांद कहता हूँ, है नूर-ए-हुस्न वो, मुकम्मल इश्क में हैं सैकड़ों मजबूरियाँ। ©Senty Poet #chaand #ishq #pyaar #buddha #purnima