दिल की धड़कन बढ़ा दी जिसने उसके हम परवाने है, थी प्यारी सी परी जिसकी आंखों ने घायल था किया एक नज़र जो टकराई उससे जिंदगी का करते थे शुक्रिया, नीली नीली आंखें, खून जिसने हमारा बढ़ा दिया, इतनी खूबसूरत परी, हे अल्लाह! तेरा शुक्रिया, शोला तू थी तो परवाने हम भी बन गए, तेरी आंखों के समंदर में ना जाने कब डूब गए, सुबह उठ तस्वीर में तेरी आंखों को ही देखा करते थे, खाना पीना छोड़ आंखों में ही तेरे मरते थे, पलक झपकती थी जब भी तू दिल मायूस हो जाता था, दीदार कभी ना हो कम तेरा, छत पर यू ही फिरता था, फिर पता चला छत से ना जाने तू क्यों कूद गई, ईजिहार प्यार का करने से तू कैसे चूक गई, नीली आंखों की यादें आज भी सताया करती हैं, सच कहता हूं नीली आंखें धड़कने तुझ पे ही मरती है. ©Rapchik Kaushal https://youtu.be/9r2nccQ5RAI #आँखो के दिवाने #BookLife