थकी - हारी कई बार इन बेजान राहों में भूली भटकी फ़िरती रही अनजान इन राहों में फ़िर भी न पैर रुके मेरे, चलती रही निरंतर इन सुनसान राहों में झुलसा कभी जिस्म मेरा गर्मी की इस तपन में मिला कभी, कभी नहीं मिला, कभी सूखे रह गए कन्ठ मेरे प्यास में कई बार पैरों में पड़े छाले तो कभी पैर हि पड़ा इन काटों में पर ये हौसलो की उड़ान कहाँ थमने वाली थी फ़िर चल दी इन दुर्गम राहों में विजय तो मिलनी निश्चित है आज नहीं तो कल के नये सवेरे में जो करता नित्य - प्रतिदिन मेहनत और बनाता ये दुर्गम को सुगम अपने विजय पथ में हैं रखना तुम्हें एक बात सदैव अपने स्मरण में न रुकना कभी, न हारना, न करना अपने कदम पीछे इस संघर्ष में क्युँकि बहा होगा जितना कतरा-कतरा तेरे खून-पसीने का....मिलेगा तुझे भी एक दिन स्वाद चखने सफ़लता का.... 🚩 #thirtythreequotes #best_quote_ever #struggleforsuccess #nevergiveup #always_say_lets_try_once_again