थरथर हर दुश्मन कापा था, जब युद्ध भूमि मे संग्राम था! महाराणा प्रताप के घोडे का, हवा से भी तेज काम था!! स्वाभिमान के सर्वोच्च शिखर थे, नतमस्तक सब हो जाते थे! रण भूमि मे युद्ध करके, दुश्मनो को नाको धूल चटाते थे!! संजना जैन महाराणा प्रताप