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धरती धरती अंबर , अंबर ,धानी धानी कहती है, शिकवे

धरती धरती अंबर ,

अंबर ,धानी धानी कहती है,

शिकवे गीले हो जो ,

रजा तुम्हारी समझती है,

बात बात पर सजग ,सहल कर,

हो जीवन तार करो,

मानव हो तुम भूल से
न मानवता पर प्रहार करो
धरती धरती अंबर ,

अंबर ,धानी धानी कहती है,

शिकवे गीले हो जो ,

रजा तुम्हारी समझती है,

बात बात पर सजग ,सहल कर,

हो जीवन तार करो,

मानव हो तुम भूल से
न मानवता पर प्रहार करो