चलो चित्रकूट के धाम, जहां पग पग में बसे हैं राम। जहां लगाएं ध्यान हनुमान, जहां किए राम विश्राम। जहां ब्रम्हा, विष्णु, महेश, बने मां अनुसुइया की संतान। मनोरम रामघाट के घाट, श्रद्धालु करें जहां स्नान। जहां कल कल करके नदियां, कलरव करती खग समान। बहते झर-झर करते झरने, बढ़ाते चित्रकूट की शान। सुंदर पर्वत जहां मन भाए, हिय शत शत बार हर्षाए। ये प्रमुख है तीर्थ स्थान, यह स्थल है स्वर्ग समान। जहां 'मन' बोलें राम राम, जहां ऋषि मुनि लगाएं ध्यान। जहां सब सुफल मनोरथ होय, जहां प्रभु राम करें कल्याण। #चित्रकूट_धाम #मौर्यवंशी_मनीष_मन #श्रीराम_मन